पाइय-वीरणिव्वाण-पंचगं(प्राकृत वीर निर्वाण पञ्च )प्रो.डॉ.अनेकांत कुमार जैन ,नई दिल्ली जआ अवचउकालस्स सेसतिणिवस्ससद्धअट्ठमासा । तआ होहि अंतिमा य महावीरस्स खलु देसणा ।।१।। जब अवसर्पिणी के चतुर्थ काल के तीन वर्ष साढ़े…