pravachan kanak nandi ji maharaj

ठीक उसी तरह शुभ भाव के बिना विनय भी सम्भव नही:धर्मचार्य श्री कनकनंदी जी

वैज्ञानिक धर्मचार्य श्री कनकनंदी जी गुरुराज द्वारा गुणभूषण श्रावकाचार ग्रंथ के विषय “विनय पर” की गयी स्वाध्याय वर्षा की कुछ बुंदे धर्म के अनेक सोपान मे से प्रथम सोपान है…

Read More
जिनागम | धर्मसार