आचार्यश्री ज्ञानसागरजी ने जिला कारागृह में कैदियों को किया संबोधित
जैनाचार्य ज्ञानसागर जी महाराज ससंघ का शुक्रवार को जिला कारागृह दौसा में मंगल प्रवचन हुआ। जैन समाज के प्रवक्ता प्रतीक जैन ने बताया कि मुनिश्री प्रातः जिला कारागृह पहुंचे। वहां जेलर रोहित कौशिक ने पुलिसकर्मियों के साथ मुनिश्री की अगवानी की।
ज्ञान सागर जी महाराज ने कैदियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये वो देश है जहां सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह जैसे वीर पैदा हुए हैं, जिहोंने देश के खातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, आप नौजवान हो आपके ऊपर देश का भविष्य टिका है अपनी शक्तियों का सदुपयोग करना व दुरुपयोग करना आपके हाथ में है। कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता, आप सकारात्मक सोच रखें, शाकाहारी भोजन करें, गुटखा शराब का सेवन नहीं करें, अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार अनीति से दूर रहें। मुनि श्री के प्रवचन से बहुत से कैदियों की आंखों में पश्चाताप के आंसू बह निकले। उन्होंने हाथ उठाकर भविष्य में सदमार्ग पर चलने की कसम खाई।
देवेंद्र, रूपसिंह , हनुमान, जितेन, दीवान सिंह, गोपाल सिंह, मुकेश और लाल सिंह सहित कई कैदियों ने आचार्यश्री के चरण छूकर शराब, गुटखा व मांस के सेवन का बहिष्कार करने की प्रतिज्ञा ली। इस दौरान जेलर रोहित कौशिक ने कहा कि जब तक जेल में रहो अनुशासित रहो। एक अच्छा इंसान बनना आसान है लेकिन अच्छा इंसान बने रहना बहुत मुश्किल है। जब तक जियो इज्जत से जियो, अपनी सोच को बदलो, जेल एक घर है बैरक उसके कमरे हैं, और हम सब एक परिवार है। इसलिए परिवार की तरह रहो।
उन्होंने कहा कि आज आचार्यश्री जी ने जेल में अपने प्रवचनों से हम सबको कृतार्थ किया है। हम जैन समाज दौसा व मुनि सेवा समिति के आभारी हैं। वास्तव में अगर यहां मौजूद 225 कैदियों में से एक कैदी भी सुधार के रास्ते पर आता है तो इससे बड़ी कोई मानव सेवा नहीं हो सकती है।
इस दौरान सभी कैदियों को जैन समाज दौसा की ओर से फल व साहित्य वितरित किए गए। संचालन सुधीर जैन एडवोकेट ने किया जैन समाज की ओर से जेलर व मुख्य प्रहरियों को तिलक लगाकर माला एवं साफा पहनाकर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान जैन समाज के अध्यक्ष महावीर प्रसाद जैन, महामंत्री प्रवीण जैन, राजाबाबू प्रदीप जैन सहित जेल प्रशासन के लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद आचार्यश्री ससंघ ने जयपुर के लिए विहार किया।