आज हम बात करते हैं दक्षिण दिशा के बारे में।
दक्षिण दिशा सभी के लिए शुभ, या सभी के लिए अशुभ भी नहीं होता है।
दक्षिण दिशा एक ऐसी दशा है कि वहां से नकारात्मकता उत्पन्न होती है,बहुत प्रमाण में उत्पन्न होने लग जाती, इसी के साथ आसुरी शक्ति का वास भी वही होता है। और यम देवता का स्थान भी वही होता है। इसीलिए इसका इफेक्ट स्वरुप दक्षिण दिशा की तरफ मुख होने वाले वास्तु के ऊपर सीधा-सीधा प्रभाव पड़ता है। हमें मृत्यु तुल्य कष्ट देता है।
दक्षिण दिशा की और मुख होने वाले वास्तु को आप भी ऑब्जर्व करते होंगे, वहां रहने वाले लोग बहुत सारे परेशानीओं का सामना करते हुए दिखते हैं। और वास्तु के ऐसे प्रोजेक्ट होते है, की हेवी इन्वेस्टमेंट करने के बाद भी, वहां का व्यवसाय नही चल पाता है।और वह वास्तु खंडर जैसी पड़ी रहती है।
मगर एक बात तो अवश्य है कि दक्षिण दिशा सभी के लिए अशुभ नहीं होता।
जिनका मंगल – राहु उच्च का हो, स्वग्रही हो, अच्छी स्थिति में हो।अच्छी डिग्री हो, तो ऐसे लोगों के लिए यह दिशा बहुत ही शुभदायक होती है। ऐसे लोगों को दक्षिण दिशा बहुत ही प्रभावशाली और इफेक्टिव होती है।
इसीलिए दक्षिण दिशा की और मुख वाले,वास्तु का चयन करते समय हमें कुंडली को देखना भी बहुत आवश्यक होता है।
अगर आपके ग्रहमान अच्छे नहीं है। तो यह दिशा आपको बर्बाद कर देगी। आपकी व्यवस्थित जीवन को भी तहस-नहस कर देगी।।
अगर आपका घर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके है। और आपका प्रोग्रेस नहीं हो रहा है। यह आपका व्यापार डॉ होते जा रहा है। तो आपके मंगल की स्थिति को जान उसका उपाय आदि करें। और उसके कारण आने वाले दिक्कतों का निवारण करें।
वास्तु एक्सपर्ट – विधानाचार्य – स्वर विज्ञानी.
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