इस युग के महान साधक आचार्य शिरोमणि श्री 108 सन्मति सागर जी भगवन्त
ऊचाईयो पर पहुच कर भी कभी अपनी जड़ों को नही भूले- सन 1962 से सन 2010 तक 49 वर्ष का साधनाकाल, 39 वर्ष तक का आचार्य पद, गौरवशाली गुरु पट्ट परम्परा के तृतीय पट्टाचार्य, तप व त्याग की विश्व कीर्ति, डेढ़ शतक से अधिक सन्तों के दीक्षा व शिक्षा प्रदाता, हजारों भव्यात्माओं को त्याग पथ पर लाने वाले, दिगम्बर-श्वेताम्बर-हिन्दू सभी सम्प्रदाय के सन्त आपके चरण वंदन को आतुर हुए, देवगण भी आपकी भक्ति में समर्पित रहे ।
ऐसे महायोगी तपस्वी सम्राट श्री 108 सन्मति सागर जी महाऋषिवर जो इतनी ऊचाईयो पर होते हुए भी अपनी सादगी से भरी कठोर तप त्याग में हमेशा मस्त रहे। ऐसे विश्वोत्तम सन्त आचार्य श्री 108 सन्मति सागर जी महाराज को कोटि-कोटि नमन ।
शब्द संरचना -: शाह मधोक जैन चितरी