आर्यिका गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी जो 60 वर्ष से दीक्षित सबसे बड़ी आर्यिका हैं । उन्होंने अपने हाथों से किरणबाई का कैशलोच किया, दीक्षा लेकर किरणबाई की भावना बहुत दिनों से थी ।
हस्तिनापुर में सर्वांगभूषण आचार्य श्री चैत्यसागर जी महाराज के द्वारा चतुर्विध संघ के सानिध्य में व देश की सर्वोच्च आर्यिका गणनी ज्ञानमती माता जी के द्वारा मन्त्रोच्चारण के मध्य व प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती माताजी के निर्देशन में 2 दीक्षायें प्रदान गईं।
एक मुनि दीक्षा नवीन नाम एकत्व सागर ( पूर्व नाम सुभाष जी जैन, फिरोजाबाद) को व आर्यिका दीक्षा- नवीन नाम आर्यिका सुहात्मश्री माताजी ( पूर्व नाम किरण जैन काला, कोलकाता ) को दी गई ।
इस अवसर पर अलग-अलग संघों का अद्भुत वात्सल्य देखा गया, जहां आचार्य श्री चैत्यसागर जी महाराज व गणनी आर्यिका ज्ञानमती माताजी अपने पूरे संघ के साथ विराजमान रहे, वहीं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनिश्री वीरसागगर जी, धवलसागरजी आदि, आचार्य श्री निर्वाण भूषण व मुनि भावभूषण, आचार्य श्री विराग सागर जी के संघ की आर्यिका विभाश्री आदि भी एक ही मंच पर मौजूद रहे ।
इस अवसर पर स्वस्ती श्री स्वामी रवीन्द्र कीर्ति जी महाराज, टी एम महयूनिवर्सिटी के चान्सलर श्री सुरेश जी जैन मुरादाबाद, श्री जीवेन्द्र जैन गाजियाबाद, IAS श्री सचिन जैन दिल्ली, श्री राजेन्द्र जैन एडवोकेट आगरा, श्री अनिल जैन शिकोहाबाद, हस्तिनापुर क्षेत्र कमेटी के महामंत्री श्री मुकेश जैन मेरठ, राजेन्द्र जैन मवाना, अभिनन्दन जैन, अनिल जैन मुरादाबाद समेत पूरे भारत से पधारे सैंकड़ों श्रावक – श्राविकाएं उपस्थित रहे ।