जिन प्रभु का अतिशय

चोर कहीं भी ले जाए, प्रतिमा वापस मन्दिर जी में लौट आए

दो से तीन बार चोरी हुई प्रतिमा को वापस मंदिर जी में गए चोर

इस धरा पर कई ऐसे जिनालय विद्यमान हैं। जहां समय-समय पर अतिशय होते रहे हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं शामली जनपद के कस्बा एलम स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में प्रतिष्टित 1008 भगवान चन्द्रप्रभु की सम्वत 1261 की प्राचीन प्रतिमा के बारे में।

जिनालय में प्रतिष्ठित यह प्रतिमा बड़ी ही अतिशयकारी है। यह प्रतिमा मन्दिर जी से कई बार चोरी हुई है, परन्तु हर बार कुछ ही दिनों में यह प्रतिमा अपने स्थान पर यथावत पाई गई। चोर अपने आप प्रतिमा को वापस उसके स्थान पर रख कर चला जाता है।

इस अतिशयकारी प्रतिमा के बारे में एक किवदंती यह भी है कि इस अतिशयकारी प्रतिमा को एक महिला चुराकर अपने घर ले गई थी। उसे रात्रिस्वप्न में आभास हुआ कि उसने प्रतिमा को चोरी करके अनर्थ कार्य किया है।

कुछ दिनों के बाद उस महिला के पति की किसी दुर्घटनावश मृत्यु हो गई। तब उस महिला को अपनी भूल का अहसास हुआ और उस महिला ने भगवान चन्द्रप्रभु की अतिशयकारी प्रतिमा को वापस मन्दिर जी में चुपचाप रख दिया।

बीते 6-7 सितम्बर की रात को चोरों द्वारा मन्दिर जी में चोरी के प्रयास की घटना में केवल दो गोलकों के ताले ही तोड़े गए लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ, जबकि रात को लगभग 3:00 बजे पुलिस के गश्त पर मौजूद रहने के कारण एक चोर मौके पर पुलिस की गिरफ्त में आ गया।

इसे चमत्कार कहें या संजोग हर बार मंदिर जी चोरी का प्रयास विफल ही रहा है। यहां आपको बतादें कि मंदिर जी में दिन में कोई ताला नहीं लगाया जाता और ना ही रखरखाव के लिए कोई माली या चौकीदार रहता है। मंदिर जी में रात को ताला लगाया जाता है।

अभय जैन

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