जय जिनेन्द्र
जिनागम –धर्मसार में आपका स्वागत है
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं
होली जलानी ही है तो पाप और विकारों की होली जलाईये।
खेलनी ही है तो होली रंगो के साथ नहीं, वीतरागी संतो के साथ खेलिये।
जीवन में वीतरागता का रंग चढ़े,ये ही सच्ची होली है।
गंदे रंगो को मुँह पर मत लगाइये बल्कि शील, संयम और सदाचार से अपने जीवन को सजाइये।
ज्ञान की गुलाल ही,सबके मस्तक पर लगाइये।
संयम की पिचकारी से अपनी परिणति को खूब भिगोइये।
पानी से नहीं,जिनवाणी से सबको नहलाइये।
किसी को कीचड़ नहीं लगाइये बल्कि पाप के कीचड़ में फॅसे जीव को उससे
छुड़ाइये।
भगवंतों के रंग में रँगने के लिए,अपना सारा जीवन लगाइये।
होली नही,holy अर्थात पवित्रता का पर्व मनाइये।