नई दिशा में जाने से पहले गुरु के आशीर्वाद लेते मुनि श्री समतासागरजी, मुनि श्री प्रमाणसागरजी, मुनि श्री अजितसागरजी और ऐलकजी
ब्राह्मी लिपि प्रवेशिका
पूरी जिनवाणी (Jinvani) – Jain