jinvani

ठीक उसी तरह शुभ भाव के बिना विनय भी सम्भव नही:धर्मचार्य श्री कनकनंदी जी

वैज्ञानिक धर्मचार्य श्री कनकनंदी जी गुरुराज द्वारा गुणभूषण श्रावकाचार ग्रंथ के विषय “विनय पर” की गयी स्वाध्याय वर्षा की कुछ बुंदे धर्म के अनेक सोपान मे से प्रथम सोपान है…

Read More

आचार्य श्री १०८ सुनील सागर जी महाराज ने किया मंदिर जी का शिलान्या‍स

अंकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश व तपस्वी सम्राट 108 श्री सन्मति सागर जी महाराज के परम प्रिय शिष्य संयम भूषण, अधयात्‍म योगी 108 श्री सुनील सागर जी महाराज (ससंघ) के…

Read More
जिनागम | धर्मसार