Parshvanath

तपस्वी सम्राट की दुरदृष्टिता व जीर्णोद्धार का सीमांकन होते ही प्रभु श्री पार्श्वनाथ जी के पद अंगूठे से निकली जलधारा

आज से लगभग 32 वर्ष पूर्व सन 1988-89 में युगश्रेष्ठ आचार्यशिरोमणी तपस्वी सम्राट श्री सन्मति सागर जी ऋषिराज ससंघ का विश्व विख्यात अतिशयकारी तीर्थ क्षेत्र श्री अंदेश्वर पार्श्वनाथ पर आगमन…

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