“सुबह ए बनारस” में हुआ डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव का सम्मान

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के करकमलों से दिल्ली में सम्पन्न हुए, नवीन संसद भवन के भूमि पूजन में “सर्वधर्म प्रार्थना सभा” के अन्तर्गत जैन प्रार्थना के रूप में सर्वप्राचीन प्राकृत भाषा की गाथा, संस्कृत भाषा में निबद्ध मंगलाष्टक एवं महावीराष्टक का सस्वर पाठ डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव ने किया। डॉ. इन्दु जैन की शिक्षा बनारस में हुई है। बचपन से ही बनारस में आपने आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा रंगमंच के माध्यम से अपनी विशेष पहचान बनाई तथा आदरणीय गिरिजादेवी, बिस्मिल्लाह खाँ, किशन महाराज, पं. छन्नूलाल मिश्र, पं. राजन-साजन मिश्र आदि कई सुप्रसिद्ध कलाकारों के सानिध्य में प्रतिष्ठित कार्यक्रमों का संचालन किया।

राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित जैनदर्शन एवं प्राकृत भाषा के सुप्रसिद्ध विद्वान प्रो. फूलचंद जैन प्रेमी एवं “आदर्श महिला” सम्मान प्राप्त ब्राह्मी लिपि विशेषज्ञा डॉ. मुन्नी पुष्पा जैन, वाराणसी की सुपुत्री हैं तथा प्रतिष्ठित समाजसेवी कुमार राकेश जैन की जीवनसंगिनी हैं।

दिल्ली में विगत कई वर्षों से आप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रालय द्वारा आयोजित एवं विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं के माध्यम से अनेक राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का संयोजन, संचालन, सर्वधर्म प्रार्थना में जैनधर्म का प्रतिनिधित्व एवं विशेष सहभागिता कर रहीं हैं। डॉ. इन्दु जैन प्राकृत एवं जैन धर्म की विदुषी , jain Feth leader, लेखिका , कवयित्री, Redio -TV- Stage Anchor & Artist , Voice Over Artist motivational speaker, समाज सेविका आदि कई क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बना चुकीं हैं। बचपन से ही बनारस शहर ने ही इनकी प्रतिभाओं को निखारा है।

“सुबह ए बनारस” के कार्यक्रम में डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव का विशेष सम्मान किया गया। इस अवसर पर डॉ. रत्नेश वर्मा, श्री प्रमोद कुमार मिश्र, पद्मश्री सरोज चूड़ामणि, डॉ. प्रीतेश आचार्य एवं सुबह ए बनारस आनंद कानन के सभी गणमान्यों ने डॉ. इन्दु को नवीन संसद भवन के ऐतिहासिक समारोह में “सर्वधर्म प्रार्थना सभा” में सहभागिता कर काशी का गौरव बढ़ाने के लिए बधाइयां दीं।

डॉ. इन्दु जैन ने अपने वक्तव्य में कहा कि जैन धर्म के चार तीर्थंकरों की जन्मभूमि वाराणसी से ही मैंने सभी विधाएं सीखीं हैं। दिल्ली में रहते हुए भी मैं हर दिन भावनाओं से तीर्थंकर पार्श्वनाथ,श्रेयांसनाथ,चन्द्रप्रभु,सुपार्श्वनाथ को नमन करती हूँ और बनारस आते ही सर्वप्रथम दर्शन करने जाती हूँ। बनारस मेरा परिवार है और मैं हर रोज़ काशी की धरती को प्रणाम करती हूँ। मुझे गौरव है कि माननीय प्रधानमंत्री जी का संसदीय क्षेत्र बनारस मेरी कर्मभूमि है। संसद भवन भूमिपूजन में विशेष सहभागिता करते हुए गौरवांवित महसूस कर रही थी, प्रार्थना करते हुए ऐसा लग रहा था जैसे बनारस के सभी लोग भावनात्मक रूप से मेरे साथ जुड़े थे। उन्होंने “सुबह ए बनारस” समिति का इस आत्मीयता के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया।

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