राजस्थान के उदयपुर नगर में आज दिनांक 29 जनवरी 2018 में सेक्टर 11 में भारत की धर्म गंगा की दो धाराओं का हुआ वात्सल्य मिलन
आचार्य श्री सुनिलसागर जी गुरुराज ससंघ के दर्शनार्थ व आध्यात्मिक चर्चा हेतु वैदिक संस्कृति की प्रख्यात साध्वी श्री ऋतंभरा जी पधारी
पूज्य साध्वी जी ने उदारता के साथ आचार्य भगवंत को श्रद्धा पूर्वक नमन अभिवादन किया जिस पर आचार्य श्री ने भी वात्सल्य पूर्वक शुभाशीष दिया
वर्तमान में विश्व व राष्ट्रीय पटल पर प्राचीन भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति के विकास व अहिँसा क्रांति के शंखनाद पर विस्तृत चर्चा हुई साथ ही उपस्थित जनसमूह को द्वय सन्तो ने अपने अमृतवचनो से लाभान्वित करते हुए श्रमण संस्कृति व वैदिक संस्कृति की सद्भभावना का आदान प्रदान किया ।
आचार्य श्री सुनिलसागर जी गुरुराज ने साध्वी श्री ऋतंभरा जी को साहित्य व अहिंसा माला के साथ साथ जिनागम के करुणा-सदभावना और आत्मविकास के मुख्य सूत्र भेट किए जिसे पाकर साध्वी श्री अत्यंत हर्षित हुई और स्वयं को धन्य महसूस किया
महान भारत की सबसे प्राचीन इन दो धर्म धाराओं का स्नेह वात्सल्य मिलन देखकर जन जन अभिभूत हो उठा।
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