- 02/03/2024
- By- जिनागम - धर्मसार
‘जिनधर्म रक्षक’ के सदस्य तत्त्वम् जैन एवं अतिशय जैन ने ‘सर्वधर्म प्रार्थना’ में किया ‘जैनधर्म’ का प्रतिनिधित्व
‘जिनधर्म रक्षक’ के सदस्य तत्त्वम् जैन एवं अतिशय जैन ने ‘सर्वधर्म प्रार्थना’ में किया ‘जैनधर्म’ का प्रतिनिधित्व गांधी स्मृति दर्शन समिति तीस जनवरी मार्ग, दिल्ली के कीर्ति मंडपम् में गिल्ड…
Read More- 26/02/2024
- By- जिनागम - धर्मसार
आचार्य श्री १०८ विद्या सागर जी महाराज की विनयांजलि सभा का आयोजन
पैराडाइज हाइट्स सोसायटी अरुणा नगर के संयोजन में आचार्य श्री १०८ विद्या सागर जी महाराज की विनयांजलि सभा का आयोजन अरुणा नगर में किया गया। कार्यक्रम में विजय जैन अंबा…
Read More- 25/02/2024
- By- जिनागम - धर्मसार
समाज में व्याप्त बोली प्रथा में दान नहीं अपितु द्वेष युक्त प्रतिस्पर्धा, दबाव, प्रलोभन,भ्रष्टाचार,आडम्बर व दिखावा हैं-वैज्ञानिक धर्माचार्य श्री कनकनंदी जी गुरुदेव
विषय -दान वैज्ञानिक धर्माचार्य श्री कनकनंदी जी गुरुदेव द्वारा विभिन्न प्राचीन ग्रंथो द्वारा जारी स्वाध्याय के अंश 1.सबसे श्रेष्ठ व उत्कृष्ट हैं आहरदान 2.आहारदान मे गर्भित हैं चारो दान 3.गुरु…
Read More- 23/02/2024
- By- जिनागम - धर्मसार
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा हेतु मंगल विहार 👣🚩
🙏🏻 प.पू. मरसलगंज गौरव प्रतिमा योग साधक अंकलीकर अक्षुण्ण परम्पराचार्य श्री १०८ सौभाग्य सागर जी महाराज ससंघ रानी विरगवां जिला भिण्ड में श्री आदिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु मंगल…
Read More- 23/02/2024
- By- जिनागम - धर्मसार
आचार्य विद्यानंद जी की प्रेरणा से मैं प्राकृत भाषा के प्रति समर्पित हुआ – आचार्य सुनीलसागर
(कुन्दकुन्द भारती में प्राकृत विद्वतसंगोष्ठी) 12फरवरी,कुन्दकुन्द भारती ,नई दिल्ली में आचार्य सुनील सागर महाराज का ससंघ पदार्पण हुआ ।इस अवसर पर 13 फरवरी 24 को प्राकृत विद्वतसंगोष्ठी का आयोजन किया…
Read More- 19/02/2024
- By- जिनागम - धर्मसार
आचार्य श्री का जीवन ही उनका दर्शन था
समणपरंवरसुज्जंसययसंजमतवपुव्वगप्परदं।चंदगिरिसमाधित्थंणमो आयरियविज्जासायराणं ।। श्रमण परम्परा के सूर्य , सतत संयम तप पूर्वक आत्मा में रमने वाले और चंद्रगिरी तीर्थ पर समाधिस्थ (ऐसे) आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी को हमारा कोटिशः…
Read More- 18/09/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
75 दिवसीय अखंड महा आराधना श्री चिंतामणि इष्ट सिद्धि महा विधान परम भक्ति पूर्वक परम आनंद और उत्साह पूर्वक संपन्न हो रहा है
श्री अतिशय क्षेत्र कचनेर जी में चिंतामणि बाबा के श्री चरणों में सबके आराध्य सभी की आस्था के केंद्र श्री चिंतामणि पारसनाथ भगवान की महा आराधना 75 दिवसीय अखंड महा…
Read More- 20/08/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
चांदखेड़ी की संस्कृति व सुरक्षा खतरे में
जी हाँ चांदखेड़ी के मंदिर,वहाँ की प्राचीन संस्कृति व आदिनाथ भगवान की मनोहारी प्रतिमा की सुरक्षा खतरे में पड़ चुकी है। इसका कारण बना क्षेत्र पर की गयी भारी फोड़…
Read More- 12/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
क्या आप जानते है वर्तमान में सबसे प्राचीन जैन प्रतिमा कौन सी है
श्री शंखेश्वर तीर्थ में स्थित १००८ भगवान श्री पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा अथवा गिरनार तीर्थ में स्थित १००८ भगवान श्री नेमिनाथ जी की प्रतिमा या फिर शिरपुर के नजदीक अकोला,…
Read More- 09/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
तीर्थंकर सामान्य जानकारी
1. तीर्थंकर 1008 शुभ लक्षणों से सहित होंते हैं। 2. तीर्थंकर का शरीर मल-मूत्र से रहित होता है। 3. तीर्थंकर के शरीर में पाया जाने वाला रक्त श्वेत होता है।…
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