- 14/09/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
“उत्तम सत्य” की साधना से परम सत्य का दिग्दर्शन होता है”
–डॉ.इन्दु जैन राष्ट्र गौरव,दिल्ली आत्मा के वास्तविक स्वरूप की अनुभूति करना ही उत्तम सत्य है।सत्य धर्म का मूल आधार है; सत्य की आवश्यकता गृहस्थ धर्म और साधु धर्म दोनों के…
Read More- 12/09/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
“कैंसर से भी ज़्यादा ख़तरनाक “मायाचारी की गाँठ” पनपने से रोकता है – उत्तम आर्जव धर्म “
डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव, दिल्ली “कपट न कीजे कोय, चोरन के पुर ना बसें।सरल-सुभावी होय, ताके घर बहु-संपदा।।”अर्थात् कभी भी किसी को छल-कपट नहीं करना चाहिए क्योंकि चोरों के…
Read More- 11/09/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
जैनम् जयतु शासनम्
बन्धुओं ! आज पर्वराज पर्युषण पर्व के अर्थात दसलक्षण धर्म महापर्व के द्वितीय धर्म मार्दव धर्म दिवस पर शास्वत सिद्धक्षेत्र सम्मेद शिखर की पावन भूमि पर अनायास ही श्रमण संस्कृति…
Read More- 11/09/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
“उत्तम मार्दव धर्म” – अहंकार के वायरस से दूर रहकर करें सहज-सरल जीवन की साधना”
डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव,दिल्ली( विदुषी , लेखिका,समाज सेविका) “मान कारण सद्भवेपि य भाव मृदु स्वभावतः,स उत्तम मार्दव भवेत महान गुण साधन:।” अर्थात् अभिमान का कारण होते हुए भी मृदु…
Read More- 09/09/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
“उत्तम क्षमा” की औषधि से होता है मन के घावों का इलाज”
–डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव, दिल्ली ” धम्मो वत्थु सहावो” अर्थात् वस्तु का स्वभाव ही धर्म है।” धर्म का यह विश्लेषण करते हुए प. पू. आचार्य कार्तिकेय स्वामी जी कार्तिकेयानुप्रेक्षा…
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