दस लक्षण महापर्व समापन: 9वीं की छात्रा ने किया दस दिन का कठिन उपवास, गाजे बाजे और घोड़ो की बघ्घी में बैठा कर ले जाया गया मंदिर

आज दस लक्षण महापर्व समापन के अवसर पर दस दिन का कठिन उपवास करने वालो मे 13 वर्ष एवं कक्षा 9 की छात्रा कुमारी रिद्धी जैन को परिवार जनो के द्वाया गाजे बाजे से घोड़ों की बघ्घी मे बैठा कर ठाठ बाठ से मंदिर ले जाया गया जहां उसने देव दर्शन कर आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज के सानिध्य मे हलुआ खीर जल आदि से उसका एवं अन्य व्रतियों को पारणा कराया गया। इसी क्रम अन्य व्रती जनों मे पुरु जैन खुशबू जैन ने दस दिन का एवं कुमारी अदिती जैन ने श्रष्टी जैन विदुषी जैन ने तीन दिन का तथा कुछ ने एक दिन का उपवास किया उनका पारणा कल होगा।

आदिनाथ स्मृति केंद्र के अध्यक्ष शैलेंद्र जैन ने बताया कि जैन परंपरा दसलक्षण पर्व का विषेश महत्व है. 10/9 से शुरु हुए इस दस दिनों में समाज के लोग कुछ ना कुछ त्याग अवश्य करते हैं जिनमे अनेक प्रकार के उपवास त्याग आदि किए जाते हैं। अपनी-अपनी सामर्थ एवं स्वास्थ के अनुरूप लोग एक दिन से दस दिनों तक बिना कुछ भी खाए तथा दो दिनों मे एक बार पानी पीकर रहते है। इस अल्प वय में दस दिन का उपवास बहुत कम लोग ही कर पाते हैं। जितेंद्र एवं पल्लवी जैन की पुत्री रिद्धी ने ऐसा कर हम सभी का मान एवं सौभाग्य बढ़ाया है।समाज के सदष्यों ने उसका माला एवं भेंट देकर सम्मान किया और आचार्य श्री ने सभी को आशीर्वाद देकर धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। कल क्षमावाणी का महापर्व है जिसमे हम सभी एक दूसरे से विगत वर्ष में किए कार्यों से किसी को कष्ट हुआ या ठेस पहुंची हो तो आपस में क्षमा याचना कर स्नेह एवं वात्सल्य पूर्वक मिलकर गिले शिकवे दूर करते है अतः क्षमावाणी को पर्व राज कहा जाता है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अध्यक्ष विनय कुमार जैन, संजीव जैन, सुबोध जैन, अतुल अनंत जैन आदि एवं समाज के अनेक गणमान्य सदस्य शामिल हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

जिनागम | धर्मसार