आचार्य विद्यासागर को याद कर भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

समस्त देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री पूज्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धा और आदरपूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं।

आचार्य विद्यासागर को याद कर भावुक हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने संबोधन के दौरान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि मरण पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ने कहा ‘नड्डा जी के माध्यम से मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं। आज मैं समस्त देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री पूज्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धा और आदरपूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं। उनकी समाधि लेने की सूचना मिलने के बाद उनके अनुयायी शोक में हैं।

हम सभी शोक में हैं। मेरे लिए तो यह एक व्यक्तिगत क्षति जैसा है। वर्षों तक मुझे व्यक्तिगत रूप से अनेक बार उनसे मिलने और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिला है।


ये मेरा सौभाग्य रहा है कि पिछले 50 से भी ज्यादा वर्षों से मुझे देश के गणमान्य आध्यात्मिक मूर्तों का आशीर्वाद पाने का अवसर मिला है। इसलिए मैं उस शक्ति को जानता हूं, अनुभव करता हूं।’
इस संबोधन के दौरान नरेंद्र मोदी काफी भावुक दिखाई दे रहे थे उनकी आंखों में आंसू झलक पड़े थे।


सरसंघचालक ने भी दी श्रद्धांजलि
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भी आचार्य श्री के देवलोकगमन पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर ट्विट करते हुए कहा कि महान तीर्थंकरों की श्रेष्ठतम परंपराओं को अपने जीवन में साक्षात करने वाले जैन धर्म के महान आचार्य पूज्य श्री विद्यासागर जी महाराज का शरीर आज प्रातः डोंगरगढ़- राजनंदगांव (छत्तीसगढ़) में पूर्ण हो गया। पूज्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने 1968 में दिगंबरी दीक्षा ली थी और तब से आज तक वे निरंतर सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य, ब्रह्मचर्य की साधना करते हुए इन पंच महाव्रतों के देशव्यापी प्रचार हेतु समर्पित हो गए। लोक कल्याण की भावना से अनुप्राणित होकर पूज्य आचार्य श्री महाराज ने अपने जीवन में सैकड़ों मुनियों एवं आर्यिकाओं को दीक्षा प्रदान की और लोकोपकारी कार्यों हेतु सदैव अपनी प्रेरणा और आशीर्वाद प्रदान किया। संपूर्ण भारतवर्ष में उन्होंने अनेक स्थानों पर गौशालाएं, शिक्षा संस्थान, हथकरघा केंद्र तथा भिन्न-भिन्न प्रकार की लोकमंगलकारी योजनाओं का शुभारंभ कराया। अनेक कारागारों में वहां रह रहे हजारों लोगों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने का अभूतपूर्व कार्य आपके आशीर्वाद से ही चल रहा है। उनकी यही अभिलाषा थी कि यह देश अपनी उदात्त शिक्षाओं और जीवनादर्शों को लेकर पुनः खड़ा हो और वर्तमान समय में विश्व को नई दिशा प्रदान करे। उनका संपूर्ण जीवन इन आदर्शों के प्रति पूरी तरह समर्पित था। अंतिम श्वांस तक उन्होंने अपने कठोर साधनाव्रत का निर्वाह किया। लाखों लोग उन आदर्शों पर आज चल रहे हैं। उनके चले जाने का दु:ख तो सभी को होना स्वाभाविक ही है।


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उनके द्वारा दिग्दर्शित इस मार्ग पर हम सभी लोग और अधिक दृढ़ता और समर्पित भाव से निरंतर आगे बढ़ते रहें तथा उन आदर्शों को तीव्र गति प्रदान करें। हम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में रखा गया एक मिनट का मौन
इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में चल रहे पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के देहावसान पर शोक प्रस्ताव रखा तथा इस अवसर पर एक मिनट का मौन रखकर आचार्य श्री को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
अमित शाह की आचार्य श्री को विनम्र श्रद्धांजलि
इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आचार्य श्री के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए ट्विट किया कि महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि ऐसे युगमनीषी का मुझे सान्निध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा।


मानवता के सच्चे उपासक आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वे सृष्टि के हित और हर व्यक्ति के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निःस्वार्थ भाव से संकल्पित रहे।
विद्यासागर जी महाराज ने एक आचार्य, योगी, चिंतक, दार्शनिक और समाजसेवी, इन सभी भूमिकाओं में समाज का मार्गदर्शन किया। वे बाहर से सहज, सरल और सौम्य थे, लेकिन अंतर्मन से वज्र के समान कठोर साधक थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य व गरीबों के कल्याण के कार्यों से यह दिखाया कि कैसे मानवता की सेवा और सांस्कृतिक जागरण के कार्य एक साथ किये जा सकते हैं।
आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जीवन युगों-युगों तक ध्रुवतारे के समान भावी पीढ़ियों का पथ प्रदर्शित करता रहेगा। मैं उनके सभी अनुयायियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मुझे अनेक अवसरों पर आचार्यश्री के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। वे मानवता के सच्चे सेवक थे। उनके प्रेरणात्मक शब्दों ने मानव सेवा के मेरे संकल्प को नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता प्रदान की। उनका समाधिस्थ होना समाज के साथ मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है।
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधिस्थ होने से हृदय द्रवित है। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज में प्रेम, शांति व अहिंसा के विचारों को सशक्त करने को समर्पित रहा। ईश्वर आचार्य श्री को परमपद सिद्धत्व प्रदान करें। असीम पीड़ा की इस घड़ी में अनुयायियों के प्रति संवेदनाएं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी,पियुष गोयल सहित अनेक केंद्रीय मंत्रियों व राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी आचार्य श्री को श्रद्धांजलि दी।
केंद्र सरकार ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के देवलोकगमन पर आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया है इस दौरान सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा तथा कोई भी राजकीय कार्यक्रम नहीं होगा। इसके अलावा मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में इस अवसर पर आधे दिन का राजकीय शोक भी रखा गया।


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अनेक केंद्रीय मंत्रियों व राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी आचार्य श्री को श्रद्धांजलि दी।
मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में इस अवसर पर आधे दिन का राजकीय शोक भी रखा गया।

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