

नायक-खलनायक नहीं, बल्कि मूलनायक बनने का प्रयास करें : उपाध्याय श्री108 विरंजन सागर महाराज
शहर संवाददाता |
छत्रपति संभाजीनगर
देशमुख नगर में गुरुवार को जैन दर्शन के 23वें तीर्थंकर भगवान पारसनाथ स्वामी का मोक्ष कल्याणक निर्वाण महोत्सव मनाया गया। मुकुट सप्तमी के पावन अवसर पर समेद शिखर की आकृति में रचना करते हुए हजारों भक्तों ने एक साथ मिलकर भगवान का अभिषेक, शांति धारा एवं पारसनाथ विधान किया जिसमें 23 किलो का लड्डू चढ़ाया गया।
मुनि ने बताया कि, संघर्षों और उपसगों में जो समता रखता है वह एक दिन भगवान बन पाता है। मुनि ने बताया कि आज समाज में कोई नायक बनने की दौड़ में लगा हुआ है कोई खलनायक
बनने की चाहत रखता है। समाज में, परिवार में देश में आज व्यक्ति खलनायक का काम कर रहा है, कहीं कोई नायक बनने का प्रयास कर रहा है मुनि ने चेताया कि ध्यान रखो की जीवन में न नायक बनो और न खलनायक बनो, यदि बनना ही है तो जीवन में मूलायक विधि का मूलनायक बनने का प्रयास करो। मतलब भगवान जैसा बनने का भाव रखो ऐसा मुनि ने समाज को संबोधित करते हुए सबक दिया कहा, कि हर परिस्थिति में अपने जीवन में क्षमता रखता सीखिए मन में भाव ही आपको भगवान बनाता है। हजारों भक्तों ने मिलकर भगवान की आराधना की जिससे आज पूरा पंडाल भक्ति मय माहौल में बना रहा। कार्यक्रम में भक्तगण बडी संख्या में उपस्थित थे।
नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद