षष्ठपट्टाचार्य पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज का 93वां जेल प्रवचन

– जिला जेल टोंक –

आचार्य भगवन ने कैदियों को संबोधित किया तो सभी कैदियो की आंखे भर आयी और सभी ने आचार्यश्री के समक्ष प्रण लिया की जेल से जाने के बाद हम अपराधो मे पुनः लिप्त नही होगे और जीवन में मांसाहार और शराब से भी दूर रहेंगे।
आचार्य की वाणी ने कैदियों को अंदर से झकझोर कर रख दिया , यह ऐसा क्षण था जिसने भी पूज्य श्री की वाणी सुनी वह सभी भावुक हो गये। धन्य है ऐसे संत जो जन जन के कल्याण की भावना रखते हैं।

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