पूज्यपाद बालाचार्य श्री योगेन्द्र सागर जी भगवन्त की प्रतिमा स्थापन होते ही समूची सभा बालाचार्य गुरुदेव व आचार्य श्री अनुभवसागर जी के जयकारो से गूंज उठी

श्री 18000 भारतवर्षीय दशा हुमड़ जैन समाज दों मन्दिर बंदी जी के गौरवशाली सेठ साहब स्व. दिलीप जी नोगामिया के स्मृति में अतिशय क्षेत्र योगेंद्र गिरी पर विघ्न हर्ता-जन जन के कल्याणक पूज्यपाद “बालाचार्य श्री योगेंद्र सागर जी गुरुराज” की अदभुद मनोहारी प्रतिमा दिनांक 20 ऑक्टोम्बर 2021 को प्रखर वक्ता आचार्य श्री अनुभवसागर जी गुरुदेव की पावन निश्रा, संहितासूरी प्रतिष्ठा चूड़ामणि श्री हंसमुख जी के तत्वाधान, दशा हुमड़ जैन समाज के अध्यक्ष श्री दिनेश जी खोड़निया सहित सागवाडा व समस्त गांवो के पंच महानुभावों की गरिमामयी उपस्थित में स्व. सेठ साहब दिलिप जी के सुपुत्र दीपक जी, सेठ महेश जी व विनय जी द्वारा स्थापित की गई।

पूज्यपाद बालाचार्य श्री योगेन्द्र सागर जी भगवन्त की प्रतिमा स्थापन होते ही समूची सभा बालाचार्य गुरुदेव व आचार्य श्री अनुभवसागर जी के जयकारो से गूंज उठी साथ ही श्री दशा हुमड़ जैन समाज के अध्यक्ष श्रीमान दिनेश जी खोड़निया ने इस शुभ अवसर पर “सेठ साहब दिलीप जी अमर रहे” के नारे का जयघोष करके सेठ साहब के योगदान को जयवंत कर दिया।

आचार्य श्री अनुभवसागर जी गुरुदेव ने कहा कि दशा हुमड़ जैन समाज के अध्यक्ष परिवार द्वारा सिद्धचक्र महामंडल विधान आयोजित हो रहा है उसी शुभ घड़ी में हुमड़ समाज के सेठ साहब की स्मृति में जहाँ एक ओर हुमड़ समाज के आलागणो द्वारा बालाचार्य गुरुदेव की प्रतिमा स्थापित हो रही है तभी दूसरी ओर शुभ समाचार आया है कि हुमड़ का उदगम मूल जिनालय देरोल पार्श्वनाथ के परिसर में हजारो वर्ष प्राचीन जैन प्रतिमाएं व धरोहर प्राप्त हुई है यह सम्पूर्ण समाज के लिए अत्यंत शुभ अतिशय व संकेत है।

शब्दसुमन-शाह मधोक जैन चितरी

नमनकर्ता-श्री दशा हुमड़ जैन समाज

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