- 22/04/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
विश्व मैत्री उद्घोषक भगवान महावीर स्वामी
विश्व मैत्री भावना के उद्घोषक सनातन श्रमण संस्कृति में चौबीस तीर्थंकर भगवंत हुए है। जब – जब सृष्टि पर धर्म की ही हानि होती है , अज्ञान- अविद्या के वश…
Read More- 29/09/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
जिन प्रभु का अतिशय
चोर कहीं भी ले जाए, प्रतिमा वापस मन्दिर जी में लौट आए दो से तीन बार चोरी हुई प्रतिमा को वापस मंदिर जी में गए चोर इस धरा पर कई…
Read More- 26/08/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
लोभ को त्यागकर मन की पवित्रता से नाता जोड़िए-मन निर्लोभी, तन निरोगी
उत्तम शौच धर्म ‘शुचेर्भाव: शौचम’ परिणामों की पवित्रता को शौच कहते हैं। यह परिणाम की पवित्रता अलोभ से आती है। क्षमा से क्रोध पर, मार्दव से मान पर, आर्जव…
Read More- 10/01/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
राजस्थान के बिजोलिया तीर्थ पर चमके नगर के सितारे
अशोकनगर। राजस्थान के बिजोलिया तीर्थ पर विराजमान मुनि पुगंव सुधासागरजी महाराज का ससंघ पिच्छिका परिवर्तन समारोह के लिए नगर के दिगम्बर जैन युवा वर्ग की 125 सदस्यीय टीम बिजोलिया पहुंची।…
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