क्या जैन समाज कभी ऐसे नेक कार्य करेगा क्या जैन समाज ऐसा कार्य करने की कभी सोच भी सकता है शायद आपका जवाब होगा नहीं, हम तो सबसे बड़ा समाज हैं सबसे पैसे वाले समाज हैं हम तो केवल पैसा मंदिर, पंचकल्याण, विधान, बड़ी-बड़ी यात्राएँ, बड़े-बड़े भोज में लाखों-करोड़ों रुपए लगा देते है। पर शायद कभी पुण्य का काम नहीं किया।
हम उस मंदिर में मूर्ति स्थापित करके अपने आप को बहुत पुण्यवान समझते हैं जिस मंदिर में भविष्य में पूजा पाठ करने वाले तक नहीं होते जबकि सब ग्रंथों में सब समाज में लिखा हुआ है कि जीती जागती सेवा तो एक इंसान की सेवा होती है जो हम बिल्कुल नहीं करते।
कुछ सिख समाज से सीखे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी ने एक डायलिसिस हॉस्पिटल बनाया है जिस में कैश काउंटर है ही नहीं। अभी 101 bed है और शीघ्र 1000 बेड होंगे। यहाँ सब कुछ मुफ्त है वह भी बिना किसी भेदभाव के।
कोई धर्म मज़हब का हो कोई जाती या पंथ का हो कोई मतलब नहीं। इलाज़ से लेकर दवाई तक सब फ्री।
दुनिया का बेस्ट डायलिसिस हॉस्पिटल बनने जा रहा है और यह सब किया सिख समाज ने।
पर हम जैन समाज के लोग ऐसा करने की सपने में भी नहीं सोच सकते हैं क्योंकि हम से नेक कार्य नहीं होते हैं। हम से बस बड़े-बड़े आयोजन करवा लो, बड़े-बड़े विधान करवा लो जिनमें लाखों करोड़ों रुपए ख़र्च करवा लो वह भी केवल नाम के लिए पर किसी गरीब या ज़रूरतमंद की सेवा हम से नहीं होती॥
कब जागेगा समाज, कब हम ऐसा कार्य करेंगे, किसी को नहीं पता।
जागो भाई जागो नहीं तो वक़्त दिन करोड़ो वाला समाज जो अब लाखो में है हज़ारों में रह जायेगा।
जैन सरावगी बायोडेटा ग्रुप से जुड़ने के लिये 8905291225 पर “जय जिनेन्द्र” व्हाट्सएप मेसेज करे