जिनवाणी

क्षमा फूल है कांटा नहीं, क्षमा प्यार है चांटा नहीं: उत्तम क्षमा

उत्तम क्षमा धर्म – क्ष= पृथ्वी / पृथ्वी जैसे सहन करती है, उसी प्रकार समता स्वभाव से दूसरों के क्रोध को सहन करना क्षमा धर्म है। क्ष= नष्ट होना, मा=…

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चौबीस तीर्थकर

चौबीस-तीर्थंकर-भाग-२

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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओ को समर्पित एक सुंदर प्रेरक रचना

जो नारी तीर्थंकर प्रभु ; को अगर जनम दे सकती है … वो नारी अभिषेक प्रभु का ; कैसे ना कर सकती है …   आज काल की विडंबना से…

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जौहरी बनो, पंसारी नहीं – 108 आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज –

अहिंसा संस्कार पदयात्रा के प्रणेता अंतर्मना साधना महोदधि आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ने विशाल धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि – मनुष्य के जीवन में तीन चीजों…

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जिनागम | धर्मसार