- 23/08/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
क्षमा फूल है कांटा नहीं, क्षमा प्यार है चांटा नहीं: उत्तम क्षमा
उत्तम क्षमा धर्म – क्ष= पृथ्वी / पृथ्वी जैसे सहन करती है, उसी प्रकार समता स्वभाव से दूसरों के क्रोध को सहन करना क्षमा धर्म है। क्ष= नष्ट होना, मा=…
Read More- 06/04/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
अहिंसा महावीर जी की दृष्टि में क्या है
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Read More- 09/03/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओ को समर्पित एक सुंदर प्रेरक रचना
जो नारी तीर्थंकर प्रभु ; को अगर जनम दे सकती है … वो नारी अभिषेक प्रभु का ; कैसे ना कर सकती है … आज काल की विडंबना से…
Read More- 07/03/2020
- By- जिनागम - धर्मसार
जौहरी बनो, पंसारी नहीं – 108 आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज –
अहिंसा संस्कार पदयात्रा के प्रणेता अंतर्मना साधना महोदधि आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ने विशाल धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि – मनुष्य के जीवन में तीन चीजों…
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