- 22/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
देवाधिदेव 24 वे तीर्थंकर श्री 1008 महावीरस्वामी का केवलज्ञान कल्याणक महोत्सव हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
🙏🎺🥁🇧🇴⛺️🕉️देवाधिदेव 24 वे तीर्थंकर श्री 1008 महावीरस्वामी का केवलज्ञान कल्याणक महोत्सव :तिथि वैशाख शुक्ल दशमी, वी. सं. 2547, शनिवार , दि.22 मई, 2021सभी धर्मप्रेमियों को हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाये🌳🌲🌴🍀☘️🌿🌾🌵🌳��🌴🙏…
Read More- 15/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
अक्षय तृतीया पर जरूरतमंद परिवारों को बांटे भोजन पैकेट और मास्क
भींडर जिला- उदयपुर (राज). चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य सुनीलसागरजी महाराज के 25 वें रजत दीक्षा वर्ष एवं भगवान आदिनाथ के प्रथम आहार दिवस अक्षय तृतीया दानपर्व के उपलक्ष में आदिब्रह्मा आदिनाथ…
Read More- 14/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
लोगों का सिर्फ वक्त आता है, आपका दौर आयेगा…!!!
अन्तर्मना उवाच आखा तीज — डालो मुक्ति का बीज स्वयं कृतं कर्म यदात्मना परा फलं तदीयं लभते शुभा शुभम् अच्छे बुरे कर्म का फल जीव को स्वयं को भी भोगना…
Read More- 14/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
💥अक्षय तृतीया~दान दिवस💥
👉श्री हस्तिनापुर संक्षिप्त इतिहास एवं अक्षय तृतीया का महत्व~श्री आदिनाथ भगवान का इतिहास इस तीर्थ से जुड़ा हुआ है।प्रभु का पारणा अक्षय तृतीया के दिन हस्तिनापुर में ही हुआ था।…
Read More- 14/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
भारतीय संस्कृति में दान का क्या महत्व है?
संग्रह नही दान कर अक्षय पुण्य संचय का पर्व है अक्षय त्रतीया🌻 भारतीय संस्कृति में दान का विषेश महत्व है। इष पर्व पर जैन परंपरानुसार श्रष्टी के आदि मे अंतिम…
Read More- 13/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
घर बहुत बड़े है, पर परिवार नहीं- अन्तर्मना उवाच
अन्तर्मना उवाच प्रभाव दमदार होने से बेहतर है दिलदार या उदार होनाघर बहुत बड़े है, पर परिवार नहीं।शिक्षा बहुत है, पर तमीज नहीं।दवाई बहुत महंगी है, पर आरोग्यता नहीं।मंगल ग्रह…
Read More- 12/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
द्रौपदी के स्वयंवर में जाते वक्त श्री कृष्ण ने अर्जुन को क्या समझाया था
द्रौपदी के स्वयंवर में जाते वक्त श्री कृष्ण, अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि, हे पार्थ ! तराजू पर पैर संभलकर रखना, संतुलन बराबर रखना, लक्ष्य मछली की आंख…
Read More- 12/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
निस्पृहि सन्त आचार्य श्री कनकनन्दी जी गुरूराज के दृढ़ नियम व श्री समाज ने पेश की अनूठी मिसाल
🙏👏👇🙏👏👇🙏👏👇 निस्पृहि सन्त आचार्य श्री कनकनन्दी जी गुरूराज के दृढ़ नियम व श्री समाज ने पेश की अनूठी मिसाल पुनर्वास कॉलोनी सागवाडा का होनहार 19 वर्षीय युवा नमन सुपुत्र महिपाल…
Read More- 12/05/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
अन्तर्मना उवाच- आचार्य प्रसन्नसागर जी महाराज
सुख, शांति, प्रेम और प्रसन्नता का अर्थ लड़ना झगड़ना नहीं है, बल्कि. उन बुराइयों से कुशलता पूर्वक दूर हो जाना, जिन बातों से सुख, शांति, प्रेम, प्रसन्नता कम हो रही…
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