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आचार्य श्री १०८ सुनील सागर जी महाराज ने किया मंदिर जी का शिलान्या‍स

अंकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश व तपस्वी सम्राट 108 श्री सन्मति सागर जी महाराज के परम प्रिय शिष्य संयम भूषण, अधयात्‍म योगी 108 श्री सुनील सागर जी महाराज (ससंघ) के…

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अथ श्रीचन्द्रप्रभजिनस्तुतिः

(स्वाध्याय – शब्दार्थ एवं भावार्थ) चन्द्रप्रभं चन्द्रमरीचिगौरं, चन्द्रं द्वितीयं जगतीव कान्तम्‌ । वन्दे भिवन्द्यं महतामृषीन्द्रं, जिनं जितस्वान्तकषायबन्धम्‌ ॥१॥ अन्वयः – चन्द्रमरीचिगौरं, जगति द्वितीयं कान्तं चन्द्रं इव, महतां अभिवन्द्यं, ऋषीन्द्रं, जितस्वान्तकषायबन्धं,…

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सोला भोजन

परमपूज्य मुनिराजों एवं त्यागी व्रतियों के चौको में अक्सर सोला शब्द प्रयोग किया जाता है कई बार जानकारी के अभाव में सोला शब्द एक रूढ़िवादी परम्परा सा लगने लगता है।…

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उत्तम क्षमा अर्थात परम क्षमा

मंगलकारी पर्युशन पर्व के बीतने के बाद, क्षमा दिवस आ गया है। हमारे जीवन के इस मार्ग में, ऐसे कई क्षण आते हैं जब हम भगवान महावीर के उपदेश “अहिंसा…

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जिनवाणी एवं जैन साहित्‍य

पूरी-जिनवाणी-Jinvani-Jain *********************

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वात्सल्यरत्नाकर ऋषि के आशीष व श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानन्दी जी की प्रेरणा से टला गोम्मटगिरी का संकट-

इंदौर# धर्मनगरी इंदौर में श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानन्दी जी गुरुराज के आशीर्वाद से गोम्मटगिरी क्षेत्र का निर्माण हुआ। स्थान नगर से दूर एक टेकरी पर है।सुना जाता है वह टेकरी किसी…

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वात्सल्यरत्नाकर स्वामी के पहले पृथक चातुर्मास में ही गुंज उठी अहिंसा की क्रांति

श्री आदिसागर अंकलिकर स्वामी के अतिशय पट्टाचार्य श्री महावीरकीर्ति जी स्वामी से सन 1950 में क्षुल्लक-ऐल्लक दीक्षा के बाद मुनि दीक्षा लेने के बाद वात्सल्यरत्नाकर श्री विमलसागर जी को श्री…

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षष्ठपट्टाचार्य पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञान सागर जी महाराज का 93वां जेल प्रवचन

– जिला जेल टोंक – आचार्य भगवन ने कैदियों को संबोधित किया तो सभी कैदियो की आंखे भर आयी और सभी ने आचार्यश्री के समक्ष प्रण लिया की जेल से…

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