- 20/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
१००८ भगवान चन्द्रप्रभु के मोक्ष कल्याणक दिवस पर विशेष
१००८ भगवान चन्द्रप्रभु जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर के रूप में प्रसिद्ध हैं। भगवान चन्द्रप्रभ का जन्म काशी जनपद की चन्द्रपुरी में पौष माह की कृष्ण पक्ष द्वादशी को अनुराधा…
Read More- 16/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
दिगम्बर जैन इतिहास में जुड़ेगा नया अध्याय
दिगम्बर जैन इतिहास में जुड़ेगा नया अध्याय विश्व में पहली किसी दिगम्बर जैनाचार्य का अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में मंगल सम्बोधन नई दिल्ली। फ्लोरिडा अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (अमेरिका) द्वारा आयोजित चार दिवसीय जैन…
Read More- 15/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
शौरीपुर में बरसेगा अतिशय
नवनिर्मित मन्दिर में विराजमान होंगे १००८ भगवान नेमीनाथ शौरीपुर/आगरा। प्रकृति की गोद में बसे 22वें तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान की गर्भ और जन्मभूमि शौरीपुर पर बने नवीन मन्दिर में 23 से…
Read More- 12/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
क्या आप जानते है वर्तमान में सबसे प्राचीन जैन प्रतिमा कौन सी है
श्री शंखेश्वर तीर्थ में स्थित १००८ भगवान श्री पार्श्वनाथ जी की प्रतिमा अथवा गिरनार तीर्थ में स्थित १००८ भगवान श्री नेमिनाथ जी की प्रतिमा या फिर शिरपुर के नजदीक अकोला,…
Read More- 11/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
गुरुणाम गुरु का प्रेरक प्रसंग
समाज के दायरे से बढ़कर प्रत्येक प्राणी पर होती है महापुरुषों की करुणा 19वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के अंकली ग्राम में शिवगोड़ा नाम का एक 12 वर्षीय बाल किशोर था,…
Read More- 11/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
धरसेनसागर जी महाराज ने की गिरनार तीर्थ की 1008 वंदना सम्पन्न
जूनागढ़। प्रशान्त मूर्ति आचार्य शांतिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के चतुर्थ पट्टाचार्य गिरनार गौरव जैनाचार्य श्री निर्मलसागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती सुयोग्य शिष्य महातपस्वी 108 मुनिश्री धरसेन सागरजी महाराज ने…
Read More- 09/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
सहस्त्रनाम विधान का मंगल आयोजन
🙏🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🇧🇴🙏 सर्वाधिक दीक्षा प्रदात्रि भारत गौरव गणिनी आर्यिका रत्न 105 श्री विशुद्ध मती माता जी की मंगल प्रेरणा से एवं गुरु मां की स्वास्थ्य की मंगल कामना के साथ एटा…
Read More- 09/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
तीर्थंकर सामान्य जानकारी
1. तीर्थंकर 1008 शुभ लक्षणों से सहित होंते हैं। 2. तीर्थंकर का शरीर मल-मूत्र से रहित होता है। 3. तीर्थंकर के शरीर में पाया जाने वाला रक्त श्वेत होता है।…
Read More- 09/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
फाल्गुन वदी एकादशी पर विशेष
इसी तिथि पर मरुदेवी माता ने इस अवसर्पिणी काल में मोक्ष के द्वार खोले थे। माता मरुदेवी का परिचय मरुदेवी माता की उंचाई 500 धनुष यानि 1500 मीटर थी, उनके…
Read More- 03/03/2021
- By- जिनागम - धर्मसार
एक जैन प्रतिमा जिसे तालाब में फिंकवा दिया गया था
तमिलनाडु में समय-समय पर मिलने वाली जैन विरासतों में आज एक ओर नाम जुड़ गया। तिरुवल्लुवर जिले के मयूर गाँव में जैन श्रावक जीवकुमार बी. ने एक प्रतिमा खोजी है,…
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